छत्तीसगढ़ की पारंपरिक बच्चों के सुख समृद्धि और पुत्र कामना की त्यौहार कमर छठ दल्ली राजहरा में बड़े धूमधाम से मनाया गया l

रमेश मित्तल नवभारत news 24 छत्तीसगढ़
दल्ली राजहरा के गणेश चौक में छठ का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया l इस अवसर पर द्रोपती साहू नर्मदा लोकेश्वरी मानकी सुशीला बबीता रोशनी राजकुमारी दिलेश्वरी सुनीता सुरेखा दुलेश्वरी किरण यामिनी लता कविता संतरी एवं दिव्या उपस्थित थे l
साथ ही नगर के विभिन्न जगहों पर भी छठ पर्व का त्यौहार मनाया गया l
कमरछट ऐसा त्यौहार है जहां विवाहित महिलाएं निर्जला उपवास रहकर मनाती है l इस उपवास में महिलाएं 6 की संख्या में पूजा में उपयोग हेतु समान एकत्र करते हैं l
जहां विवाह उपरांत पहले साल जो महिलाएं उपवास रहती है उसे कमर छठ की पूजा में 6 प्रकार की अनाज जिसमें लाई और चना उड़द मूंग मसूर महुआ जैसे कृषि फसल पूजा में आवश्यक होता है l तथा 6 प्रकार के मिट्टी के बने खिलौने जिसमें बाटी भावरा जैसे खेल सामग्री बनाए जाते हैं l
बिना हल चलाए निकाले धान के चावल जिसे पसहर चावल कहा जाता है का उपयोग भोजन के रूप में किया जाता है l इस पूजा में गाय के बजाय भैंस के दूध दही और घी का उपयोग किया जाता है l
इस पूजा में खमार के पेड़ का विशेष उपयोग होता है l महिलाएं खमार के लकड़ी को दातुन के रूप में उपयोग करते हैं तथा उसके पत्ती को पूजा में उपयोग किया जाता है महिलाएं खम्हार की पत्ते को भोजन पतरी के रूप में उपयोग कर इसी के ऊपर में भोजन रखकर करते हैं l इस पूजा में बिना नमक का भोजन बनाया जाता है l भोजन बन जाने के बाद उन्हें 6 हिस्से में 6 जीव जंतुओं जिसमें चींटी पक्षी पशु गाय कुत्ता बिल्ली चूहा जैसे जीव जंतुओं के हिस्से का अलग निकाल कर प्रसाद के रूप में उपवास महिलाएं ग्रहण करती है l
इस पूजा में जमीन में एक गड्ढा बनाया जाता है जिसमें दो हिस्से में बांटा जाता है जिसे सागरी कहा जाता है l सागरी के चारों तरफ फूल के पेड़ काशी के पौधे लगाए जाते हैं जिसे सागरी माता का रूप मानकर चारों तरफ महिलाएं बैठकर पूजा करती है l तथा सागरी माता का सभी महिलाएं 6 बार परिक्रमा करती है एवं बुलाए गए पंडित या किसी वृद्ध महिलाओं के द्वारा 6 ज्ञानवर्धक कहानी बताई जाती है l पूजा उपरांत सभी महिलाएं सागरी में पानी डालते हैं तथा अपने छोटे बच्चे का पैर इस सागरी के पानी से धुलवाती है सभी महिलाएं पूजा उपरांत उपस्थित बड़े बुजुर्गों का प्रणाम कर उनसे आशीर्वाद लेती है l कई महिलाएं पीला मिट्टी का पोटली बनाकर पूजा स्थल पर ले जाते हैं तथा घर में लाकर उसे बच्चों के पीठ में निशाना बनाते हैं l कहा जाता हैं किस शगरी माता का आशीर्वाद मिलता है l
कमर छठ उपवास को किसी कारणवश यदि महिलाएं एक साल छोड़ देती है तो अगले साल से यह उपवास को नहीं रख सकती है l