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ज्ञान गंगा से होती है मन की शुद्धि, और तन की शुद्धि के लिए है गंगा स्रान करके देख रे ईश्वर के बंदे।

रमेश मित्तल नवभारत news 24 छतीसगढ़

दल्लीराजहरा/ माँ झरन मैय्या प्राचीन दरबार में 19 फरवरी से 26 फरवरी तक शिवमहापुराण कथा का द्वितीय वर्ष आयोजन रखा गया है जिसमें श्री शिव महापुराण के प्रथम दिन भव्य शोभा यात्रा 11 बजे झरन मंदिर से निकाली गई जिसमे सभी शहरवासी एवं नगर वासी शामिल हुए।
दोपहर 3 बजे से शिव महात्म्य की कथा में अभिषेक कृष्ण शास्त्री महराज जी ने कहा गंगा तन को पवित्र करती है और शिव महापुराण रूपी गंगा मन को पवित्र करती है, जिस शिव भक्त के माथे में त्रिपुंड गले में रुद्राक्ष की माला एवं मुख में शिव का नाम अगर उस भक्त का भी आप दर्शन कर लो तो महाकुंभ जाने का फल आपको प्राप्त होता है, साथ जो भक्त शिव पूजा में यह धारण करके विराजमान होते है, तो उनको ही मिलता है, पूर्ण फल और यम के दूत उनको देख कर ही भाग जाते है, सभी भक्त – शिव है, ईश्वर रूपी आत्म जब तक हमारे शरीर में है हम सभी शिव ही है जिस दिन यह आत्मा रूपी ईश्वर चला गया समझो यह शरीर शव हो गया इसलिए भगवान को हमे धन्यवाद देना चाहिए जो इतने सुंदर योनि में हमे भेजा इस लिए कहते है मनुष्य जन्म अनमोल रे मिट्टी में न रोल रे, अब जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नहीं कभी नही कभी नही रे, शिव की कथा है कल्याण कारी मगर वो करेगी असर धीरे धीरे हर व्यक्ति के जीवन मे शिव है परोपकारी दयालु और कल्याणकारी !!

केवल शिव के दर्शन मात्र से ही हो जाता है कल्याण।

श्री शिव महापुराण के दूसरे दिन की कथा में पंडित अभिषेक कृष्ण शास्त्री ने कहा केवल शिव के दर्शन मात्र से ही हो जाता है कल्याण अगर पूजा करने का समय नहीं मिल रहा है, तो शिव जी का करें दर्शन, भगवान शिव की पूजा निराकार एवं साकार रूप में भी की जाती है, और दूसरे विष्णु भगवान जिनका पूजन भी साकार रूप से और निराकार रूप से किया जाता है, शिव का पूजन शिवलिंग एवं मूर्ति पूजन और विष्णु का पूजन शालिग्राम एवं मूर्ति पूजन, कलयुग में तो केवल पार्थिव पूजन करके ही व्यक्ति भाव से पर हो सकता है सबसे सरल पूजन भगवान भोले नाथ की ही है, एक लोटा जल और सारी समस्याओं का हल भगवान शिव अपने भक्तों पर सदैव दया करते हैं कृपा करते हैं, भगवान शिव के सहस्त्र नाम है कोई भी एक नाम का आश्रय लेकर हम भक्ति ज्ञान वैराग्य प्राप्त कर सकते हैं तन मन की शुद्धि के लिए केवल शिव महापुराण की कथा ही है सर्वश्रेष्ठ जब तक श्री शिव महापुराण कथा का उदय नहीं होगा तभी तक पापी पाप कर सकते हैं जिस दिन शिव महापुराण की कथा का उदय हो गया उसे दिन से पापी जन भी पुण्य आत्मा हो जाएंगे। आगे उन्होंने बताया कि जब तक भगवान शिव की इक्छा नही होती तब तक आप शिव पंडाल के आस पास भी हो तब भी आप पंडाल पर कथा पहुंच कर कथा का श्रवण नही कर सकते जैसे कई भक्त कुंभ स्नान करने पहुंच गए लेकिन प्रभु इक्छा नही होने से बिना इस्नान के वापस आ गए आप भगवान की ओर एक कदम मन से आगे बढ़ाओ शिव 100 कदम आगे बढ़कर आपको गले लगा लेंगे।

आज तीसरे दिन की कथा में सती प्रसंग बिल्व एवं रुद्राक्ष महिमा का वर्णन

प्रथम व दूसरे दिन भजन गायिका कल्पी दुबे ने शानदार भजन गाकर श्रोताओं का मन मोह लिया पार्थिव शिवलिंग की पूजा प्रतिदिन सुबह 9 बजे से 11 बजे तक निरन्तर 25 फरवरी तक जारी रहेगी प्रतिदिन सूर्यास्त पूर्व पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन किया जाता हैं कथा आरती के पश्चात सभी उपस्थित भक्तों को प्रसाद वितरण किया जा रहा है उक्त जानकारी समिति के संरक्षक व मंदिर प्रभारी रमेश मित्तल ने दी।

Ramesh Mittal

Chief Editor, navabharatnews24.com

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