दिगम्बर जैन मुनि श्री आगम सागर का अपने श्री संघ के साथ राजहरा में हुआ प्रवेश,जैन समाज ने किया बाजे गाजे के साथ स्वागत।
दोपहर 3 बजे से दिगम्बर जैन मंदिर में होगा मुनि श्री का प्रवचन।

रमेश मित्तल नवभारत news 24 छतीसगढ़
दल्लीराजहरा/ आज धर्म नगरी दल्लीराजहरा की पावन धरा पर श्री श्री 1008 आचार्य श्री विद्यासागर जी के परम शिष्य श्री 108 आगम सागर जी अपने संघ के साथ नगर प्रवेश किये इस अवसर पर दिगम्बर जैन समाज के सभी पुरूष, महिला बच्चे के साथ साथ नवनिर्वाचित नगरपालिका अध्यक्ष तोरण लाल साहू भी उनके स्वागत के लिए चिखलाकसा में उपस्थित थे।
चिखलाकसा से बाजे गाजे के साथ दिगम्बर जैन मंदिर तक श्री आगम सागर जी एवं श्री संघ का जगह जगह स्वागत किया गया जैन समाज के लोगों ने मुनिश्री के चरणों को जल से पवित्र किया गया।
मुनि श्री आगम सागर ने जैन मंदिर में एक कथा को बताते हुए कहा कि एक शहर से एक राजा खूबसूरत सा दिखने वाला शख्स संत को पूछता है यह शहर बसा हुआ है कि उजड़ा हुआ है संत मन में सोचते है यह व्यक्ति बसे बसाए शहर को देखने के बाद भी भी मुझसे पूछता है कि यह शहर बसा हुआ है कि उजड़ा हुआ जरूर यह दिमाग से पागल है ऐसा सोचते हुए वह संत अपने घर पहुचकर पूरा वृतांत अपनी पत्नी को बताता है तो उसकी पत्नी बोलती है यह खूबसूरत शख्स पागल नही समझदार व्यक्ति है इसका मतलब है कि अगर शहर बसा हुआ है तो लोगों के मन में दया, करुणा सहयोग की भावना अगर है तो वह शहर बसा हुआ है अगर यह सब गुण नहीं है तो वह शहर उजड़ा हुआ है मुनि श्री ने अंत में कहा कि लोगों के प्रति ईर्ष्या दुर्भावना नही रखना चाहिए और सभी की सेवा सहयोग करना चाहिए प्रवचन के बाद नगरपालिका अध्यक्ष तोरण लाल साहू ने मुनि श्री को प्रणाम कर नगर के विकास के लिए आशीर्वाद लिया।