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संयुक्त ट्रेड यूनियन ने झरनदल्ली खदान के ठेके को अतिशीघ्र शुरू करने बीएसपी प्रबंधन को सौंपा ज्ञापन।

रमेश मित्तल नवभारत news 24 छत्तीसगढ़

दल्लीराजहरा/ संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच, दल्लीराजहरा द्वारा आज माईंस आफिस गेट पर धरना प्रदर्शन किया गया और मुख्य महाप्रबंधक लौह अयस्क समूह, राजहरा भिलाई इस्पात संयत्र को झरनदल्ली यंत्रीकृत खान में विगत कई वर्षों से संचालित आयरन ओर लोडिंग व ट्रॉसपोर्टिंग का ठेका कार्य अविलम्ब प्रारंम्भ कराने ज्ञापन सौंपा गया।

संयुक्त ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि झरनदल्ली यंत्रीकृत खान से भिलाई इस्पात संयंत्र में आयरन ओर आपूर्ति के लिए विगत कई वर्षों से आयरन ओर उत्खनन-लोडिंग व परिवहन का कार्य ठेका पद्धति के तहत् कराया जाता रहा है झरनदल्ली माइंस में उक्त ठेका कार्य 01-04-2025 से अचानक बंद कर दिया गया है, जिससे उत्पादन प्रभावित होने के साथ-साथ आयरन ओर उत्खनन-लोडिंग व परिवहन के कार्य में लगे 74 ठेका श्रमिकों के समक्ष रोजी-रोटी व परिवार की भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो गयी है, जबकि यही ठेका श्रमिक भिलाई इस्पात संयंत्र के एक दशक पूर्व आयरन ओर व संकट के दिनों में प्रबंधन को आयरन ओर उत्पादन में 60 से 70 प्रतिशत की हिस्सेदारी निभाते हुए अपना भरपूर सहयोग प्रदान कर संयंत्र को अनेकों कीर्तिमान स्थापित करनें में अहम भूमिका निभाई है।

भिलाई इस्पात संयंत्र की ठेका प्रक्रिया व ठेकेदार के आपसी तालमेल नहीं होने के कारण संयंत्र के उत्पादन प्रभावित तो हो ही रहा है, वही दूसरी ओर वर्षों से कार्यरत 74 ठेका श्रमिकों को कार्य से वंचित कर दिया गया है, जो कि श्रमिकों के साथ कुठाराघात है, जिससे भविष्य में औद्योगिक अशांति के खतरे की आहट् भी सुनाई पड़ रही है, जो संयंत्र व श्रमिक हित में नही है।

यूनियन के नेताओं ने आगे कहा कि झरनदल्ली यंत्रीकृत खान में विगत कई वर्षों से संचालित आयरन ओर लोडिंग व ट्रॉसपोर्टिंग का ठेका कार्य पूर्ववत अविलम्ब प्रारंम्भ कराया जाय, ताकि औद्योगिक अशांति के खतरों से बचा जा सके। यहां एक बात महत्वपूर्ण है कि जब ठेकेदार द्वारा विभागीय दर से 15, प्रतिशत अधिक दर से ठेका भरा गया है और ठेकेदार और बीएसपी प्रबंधन के बार बार बातचीत करने के बाद भी ठेकेदार अपना रेट कम करने को तैयार नहीं है तो फिर उसके बाद भी बीएसपी प्रबंधन द्वारा ठेके को निरस्त कर नया ठेका क्यों नहीं निकाला जा रहा है? और जब ईस ठेके में ठेकेदार को नुक्सान हो रहा था तो फिर ईसी ठेके को लेने के लिए ठेकेदार द्वारा ईतनी जद्दोजहद क्यों किया जा रहा है? ठेकेदार द्वारा सीधे लिखकर क्यों नहीं दिया जाता की मैं अपने रेट से एक रूपया भी कम नहीं करूंगा। ऐसा लगता है कि इन सारे प्रकरण में सिर्फ और सिर्फ ठेका श्रमिकों का और कंपनी का नुक़सान हो रहा है मगर कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए हैं जोकि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है एक तरफ बीएसपी प्रबंधन अपने आप को श्रमिकों का हितैषी बतातीं है और दूसरी तरफ खुलेआम श्रमिकों का शोषण करती नजर आ रही है। यह कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों का दोहरा चरित्र को दिखाता है। पिछले ठेके में ठेकेदार द्वारा सुरक्षा के मापदंडों का पालन नहीं किया गया और न ही जितने मशीने, पानी टैंकर लगाया जाना था वह लगाया गया मगर कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी मौन स्वीकृति देते रहे और श्रमिकों का शोषण होता रहा।

संयुक्त यूनियन के नेताओं ने बीएसपी प्रबंधन को स्पष्ट कर दिया है कि अगर जल्द ही झरनदल्ली का प्रारंभ नहीं किया जाता है तो खदान का काम ठप्प किया जायेगा। ईस कार्यक्रम में मुख्य रूप से एटक के अध्यक्ष श्रीनीवासलू राव, सिटू से पुरषोत्तम सिमैया, विनोद मिश्रा, इंटक से अभय सिंग, बी एम एस से मुश्ताक अहमद, लखनलाल चौधरी, संजय यादव सी एम एस एस से सोमनाथ ऊईके, शैलेश कुमार, जे एम एम से बसंत रावटे एवं सभी यूनियनों के पदाधिकारियों और सदस्यों की उपस्थिति रही थी।

Ramesh Mittal

Chief Editor, navabharatnews24.com

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