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सायरन बजते ही अलर्ट हो जाएं..भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच देश भर में जंग की डिफेंस मॉक ड्रिल कल, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में होगी मॉक ड्रिल।

सभी राज्यों से मांगी गई रिपोर्ट, आखिर क्यों जरूरी है ये अभ्यास?

रमेश मित्तल नवभारत news 24 छत्तीसगढ़

सायरन बजते ही अलर्ट हो जाएं…, भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच देश भर में जंग की डिफेंस मॉक ड्रिल कल, राज्यों से मांगी गई रिपोर्ट, आखिर क्यों जरूरी है ये अभ्यास?
छत्तीसगढ़/ जैसा कि हम सभी को विदित ही है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि जंग की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई राज्यों को 7 मई 2025 अर्थात आने वाले बुधवार को मॉक ड्रिल करने के लिए कहा है। हमारे मध्यक्षेत्र के मध्यप्रदेश के पाँच जिले व छत्तीसगढ़ के एक जिले का इस हेतु चयन किया गया है, प्रशासन द्वारा चयनित इन जिलों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, कटनी एवं दुर्ग जिलों में प्रशासन द्वारा मॉक डील करवाई जाएगी!

जिसमे हमारे कार्यकर्ता एवं अन्य सामाजिक संस्थाएं व आम जनता कैसे इसमें प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष रूप में भाग लेकर प्रशासन का सहयोग करके एक अच्छे नागरिक व देश भक्ति का परिचय दे सकते है?

यह प्रयोग इसलिए किया जा रहा है कि अगर युद्ध या ऐसे इमरजेंसी हालात बनें तो अपने देश के नागरिकों को बचाया जा सके।

गृह मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने अपने निर्देशों में हमला होने की स्थिति में पांच पॉइंट पर जोर दिया है। इस मॉक ड्रिल में लोगों को जागरूक किया जाएगा कि हवाई हमला होने पर क्या करें, ब्लैक आउट (बत्ती गुल) होने…या ऐसे ही अन्य हालात पर क्या कदम उठाएं और किस तरह से अपनी सुरक्षा की जाए। नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ही लोगों को जागरूक करने वाली यह मॉक ड्रिल करने को कहा गया है।

पांच बातों पर विशेष बल दिया जा रहा है –
1- हवाई हमले के वक्त चेतावनी देने वाले सायरन बजाना!
2 – बचाव के लिए नागरिकों/छात्रों को सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग देना !
3 – ब्लैकआउट यानी बिजली बंद करें, जिससे दुश्मन टारगेट न देख सके!
4 – हमले के वक्त प्लांट/प्रतिष्ठानों में छिपाने के उपाय करना!
5 – लोगों के लिए निकासी योजना बनाना, उसका अभ्यास करना!

भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चयनित जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित करने का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में प्रशासन की तैयारियों का परीक्षण करना है। इस मॉक ड्रिल में सामाजिक संस्थाएं और आम जनता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेकर प्रशासन का सहयोग कर सकते हैं:

सामाजिक संस्थाओं की भूमिका:-

जागरूकता फैलाना:- सामाजिक संस्थाएं मॉक ड्रिल के उद्देश्य और महत्व के बारे में जागरूकता फैला सकती हैं।
स्वयंसेवकों का चयन :- सामाजिक संस्थाएं स्वयंसेवकों का इस हेतु चयन सकती हैं जो मॉक ड्रिल में भाग ले सकते हैं।
सामुदायिक भागीदारी:-  सामाजिक संस्थाएं सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दे सकती हैं और लोगों को मॉक ड्रिल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं।

आम जनता की भूमिका:-

मॉक ड्रिल में भाग लेना:-  आम जनता मॉक ड्रिल में भाग ले सकती है और आपातकालीन स्थितियों में प्रशासन की तैयारियों का परीक्षण करने में मदद कर सकती है।
सुझाव देना:- आम जनता मॉक ड्रिल के दौरान अपने सुझाव दे सकती है जो प्रशासन को आपातकालीन स्थितियों में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
जागरूकता फैलाना:- आम जनता मॉक ड्रिल के उद्देश्य और महत्व के बारे में जागरूकता फैला सकती है और दूसरों को भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।

देशभक्ति का परिचय देने के तरीके:-

*स्वयंसेवा*: मॉक ड्रिल में स्वयंसेवा करके आप देशभक्ति का परिचय दे सकते हैं।
*सामुदायिक भागीदारी*: सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देकर आप देशभक्ति का परिचय दे सकते हैं।
*आपातकालीन स्थितियों में मदद*: आपातकालीन स्थितियों में मदद करके आप देशभक्ति का परिचय दे सकते हैं।

इस तरह, सामाजिक संस्थाएं और आम जनता मॉक ड्रिल में भाग लेकर प्रशासन का सहयोग कर सकते हैं और देशभक्ति का परिचय दे सकते हैं।

Ramesh Mittal

Chief Editor, navabharatnews24.com

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