जीवन मंत्र

वीकेंड मैरिज के साथ सिंगल वाली फीलिंग : पति-पत्नी अलग घरों में रहते हैं, हफ्ते में मिलते हैं, कहते हैं- बिना समझौता आजादी रहती है

लोगों की सोच और समाज बदल रहा है। साथ ही शादियों का रिवाज भी। इन दिनों जापान में ‘वीकेंड मैरिज’ लोकप्रिय हो रही हैं। लोग शादी के बाद भी अपने-अपने घरों में ही रह रहे हैं। एक-दूसरे से वीकेंड पर ही मिलते हैं। भावनाएं साझा करते हैं। भविष्य की योजनाएं बनाते हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियां भी बांटते हैं, लेकिन हमेशा साथ नहीं रहते।

जिम ट्रेनर हिरोमी ताकेदा कहती हैं- मैं अपने पति को बहुत प्यार करती हूं। लेकिन हम दोनों की लाइफस्टाइल अलग है। मैं सुबह 4 बजे उठती हूं, वे 8 बजे तक सोते रहते हैं। मैं घर को अपने तरीके से रखती हूं, वे अपने घर में अपनी मर्जी से जीते हैं। अपनी आजादी से समझौता किए बिना भी हम शादी का सुकून हासिल कर रहे हैं। हमें अपने-अपने शौक से समझौते करने की क्या जरूरत है।

महिलाओं को ज्यादा पसंद आ रहा ट्रेंड
जापान में वीकेंड मैरिज का बढ़ता ट्रेंड महिलाओं को ज्यादा पसंद आ रहा है। उनका मानना है कि शादी की व्यवस्था में महिलाओं को ज्यादा समझौते करने पड़ते हैं। एक रिपोर्ट कहती है-जापान में महिलाएं पुरुषों से 5 गुना ज्यादा घरेलू काम करती हैं। हिदेकाजू ताकेदा बिजनेस कंसल्टेंट हैं। वे कहते हैं- शादी के लिए साथ रहना जरूरी नहीं है। मुझे अकेले रहना अच्छा लगता है। यह मुझे सूट करता है।

घर का ख्याल रखने के नाम पर मैं वॉशिंग मशीन में अपने कपड़े धोता हूं। रेडीमेड खाना खाता हूं। रोज घर की सफाई में समय बर्बाद करना पसंद नहीं। जबकि पत्नी सुबह उठकर ढेर सारे घरेलू कामों में लग जाती है। वहीं उनकी पत्नी हिरोमी कहती हैं- अगर हम साथ रहते तो शायद मैं अपनी पसंद की बहुत सी चीजें नहीं कर पाती।

अकेले रहने पर नहीं होता अफसोस
अकेले रहने की वजह से मुझे किसी तरह के अफसोस में नहीं रहना होता। हम एक-दूसरे से 1 घंटे की दूरी पर रहते हैं। हफ्ते में 2 से 3 बार मिलते हैं। वे कहती हैं- दरअसल ‘वीकेंड या सेपरेशन मैरिज’ में शादीशुदा होने के बाद भी सिंगल होने की फीलिंग है।

भावनात्मक लगाव रहता है। साथ ही आपके पास ऐसा साथी होता है, जिस पर आंख मूंद कर भरोसा कर सकते हैं। कई अन्य महिलाओं का दर्द है कि घर के काम को सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी माना जाता है, भले ही वह कामकाजी हो।

वीकेंड मैरिज में दोनों का आत्मनिर्भर होना जरूरी
हिरोमी कहती हैं- अलग रहने के कुछ नुकसान भी हैं, जैसे मुझे बच्चे की परवरिश में पति की मदद नहीं मिलती। घर के काम अकेले ही करने पड़ते हैं। वे कहती हैं- वीकेंड मैरिज मेंं आर्थिक तौर पर दोनों का आत्मनिर्भर होना जरूरी होता है। अगर दोनों आत्मनिर्भर नहीं होंगे तो वीकेंड मैरेज नहीं चल सकती। वीकेंड मैरेज पर जापान के कुछ पुरुषों का मानना है कि खाना बनाने से लेकर कपड़े धोने तक का काम खुद ही करना पड़े तो ऐसी शादी का क्या फायदा।

News Desk

navabharatnews24.com

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