रमेश मित्तल नवभारत news 24 छत्तीसगढ़
दल्लीराजहरा:- खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष मुश्ताक अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि दल्ली यंत्रीकृत खदान में चल रहे इलेक्ट्रिकल मेनटेनेंस के ठेके में ठेकेदार द्वारा श्रमिकों का खुलेआम शोषण किया जा रहा है यह ठेका कार्य 22-07-2022 से चल रहा है मगर आजतक श्रमिकों को ठेकेदार द्वारा पेमेंट स्लीप नहीं दिया जा रहा है ? जब यह ठेका प्रारंभ हुआ तब ईस ठेके में 09 श्रमिक कार्यरत थे मगर ठेके के बीच में 02 नये श्रमिकों की भर्ती ऐ जी एम इलेक्ट्रिकल एम एस डी एस और ठेकेदार ने कर लिया अब यह स्थिति है कि यह ठेका कार्य ठेकेदार द्वारा लगभग 45 दिन पहले ही श्रमिकों को बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिया और पूछने पर कहता है कि यह ठेका 09 श्रमिकों का था मगर यहां के एक जी एम इलेक्ट्रिकल ने दबाव डालकर 02 नये श्रमिकों की भर्ती करवाया है इसलिए समय से पहले कार्य को बंद किया गया है दूसरी तरफ एक जी एम इलेक्ट्रिकल एम एस डी एस का कहना है कि यह कांटेटी बेस ठेका है और इसमें कांटेटी खत्म हो गई है इसलिए ईस ठेके को बंद किया गया है अब यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि ईस ठेके की क्या सच्चाई है? यहां एक बात गौर करने वाली बात यह है कि आज ठेकेदार और बीएसपी प्रबंधन दोनों की ग़लती से दल्ली खदान के इलेक्ट्रिकल मेनटेनेंस का ठेका बंद पड़ा है जो वहां के प्रबंधन की कार्यशैली को दिखाता है दूसरी तरफ आज लगभग 45 दिनों से सभी श्रमिकों का काम बंद है जोकि काफी खेदजनक है, संघ का कहना है कि जब बीएसपी के अधिकारियों को पता होता है कि यह ठेका ईस तारीख को बंद हो जायेगा तो समय से ठेका क्यों नहीं बनाया जाता है और फिर ईस ठेके को तो ए जी एम इलेक्ट्रिकल एम एस डी एस देख रहे हैं उनका रिकॉर्ड रहा है कि कभी भी उनके द्वारा संचालित ठेकों का नया ठेका समय से नहीं बनाया गया है। और आज वह प्रमाणित हो रहा है। यह वही ठेका है जिसमें इलेक्ट्रिकल मेनटेनेंस के ठेके में सभी 09 श्रमिक अनस्कीलड थे और एक ठेका श्रमिक की प्रबंधन की ग़लती से पोल से गिरकर मृत्यु हो गई थी मगर आज भी ईस ठेके में कुछ भी सुधार नहीं हुआ है आज भी असुरक्षित तरीके से कार्य करवाया जा रहा है और आज भी ईस ठेके में अधिकतम ठेका श्रमिक अनस्कीलड है जो अपने आप में जांच का विषय है? वर्तमान समय में चल रहे ठेका कार्य को एक जी एम इलेक्ट्रिकल एम एस डी एस मेनेजर द्वारा संचालित किया जा रहा है और जब से यह ठेका शुरू हुआ है ठेका श्रमिकों की समस्या भी तभी से चल रही है ठेका श्रमिकों द्वारा बार बार प्रबंधन को बताने के भी किसी प्रकार की कार्यवाही का न होना ठेकेदार और प्रबंधन की मिली भगत को दर्शाता है। ईस ठेके में सबसे बड़ी शर्म की बात है कि आजतक ठेका बंद हो गया मगर श्रमिकों को सेफ्टी शू और हेलमेट नहीं मिला, 16 माह का बोनस नहीं दिया गया है, ईल राशि का भुगतान 24 माह से नहीं किया गया है,डिफरेंस एलाउंस 1400 रूपए का भुगतान नहीं हुआ है, और उसके बाद प्रबंधन और ठेकेदार मिलकर समय से पहले जो ठेका 19 जून को समाप्त होना था उसे 07 मई को ही श्रमिकों को बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिया गया और आजतक ठेका बंद है श्रमिक बेरोजगार हैं और दल्ली यंत्रीकृत खदान में इलेक्ट्रिकल मेनटेनेंस का कार्य भी भगवान भरोसे चल रहा है। संघ की मांग है कि ईसके लिए जिम्मेदार अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जावें जिससे भविष्य ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और बीएसपी प्रबंधन का कार्य भी प्रभावित न हो, यहां तो सबकुछ भगवान भरोसे चल रहा है ईसी का परिणाम है कि आज भी ठेका कांटेटी बेस बनाया जा रहा है जिसमें भ्रष्टाचार की प्रबल संभावना रहती है।और क्या समान कहां लगा और लगा कि नहीं लगा ईसकी जानकारी भी उच्च प्रबंधन को नहीं रहती है सिर्फ जो अधिकारी ईस ठेके को संचालित करता है वह और ठेकेदार सिर्फ दोनों को पता होता है इसलिए पारदर्शिता लाने के लिए कांटेटी बेस ठेका न बनाकर श्रमिकों की हाजिरी पर ठेका बनाया जावे। ठेका प्रारंभ होने के विषय पर प्रबंधन से बातचीत करने पर उनके द्वारा आश्वासन दिया गया है कि ईस माह के अंत तक ठेका शुरू हो जायेगा।