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बीएसपी अस्पताल में ईलाज के अभाव में दम तोड रहे हैं कर्मचारी मगर बीएसपी की पहली प्राथमिकता अस्पताल का संधारण नहीं बल्कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम है, भारतीय मजदूर संघ

नवभारत news24 /रमेश मित्तल /दल्लीराजहरा।खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष मुश्ताक अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आज मुख्य महाप्रबंधक खदान के सभागार में सभी यूनियन के प्रतिनिधिगण और खदान के कार्मिक विभाग के मुखीया एस के सोनी एवं राजहरा कार्मिक विभाग के अधिकारियों के मध्य एक बैठक आयोजित की गई थी जिसमें प्रबंधन की तरफ से एक प्रस्ताव सभी यूनियन प्रतिनिधियों के मध्य रखा गया कि राजहरा खदान समूह में जल्द से जल्द बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जाना है इसमें यूनियन प्रतिनिधि अपने अपने विचार रख सकते हैं। जिस पर खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष मुश्ताक अहमद ने अपने विचार रखते हुए कुछ तीखे सवाल प्रबंधन से पूछें कि बहुत अच्छी बात है कि बीएसपी प्रबंधन भिलाई की तर्ज पर राजहरा खदान समूह में बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करना चाहतीं हैं मगर क्या राजहरा खदान समूह के नियमित एवं ठेका श्रमिकों की प्रथमिकता बायोमेट्रिक है या फिर आज जो राजहरा बीएसपी अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है ह्रदय रोगियों के लिए मृत्यु छोड़कर दूसरा कोई विकल्प नहीं है। स्थानीय बीएसपी के डाक्टर सीमित संसाधनों में जो बेहतर हो सकता है कर रहे हैं अस्पताल में जरूरी मशीनें नहीं है जरूरत की दवाईयां उपलब्ध नहीं है तो ईसका जिम्मेदार कौन है? बीएसपी प्रबंधन ईस ओर तो बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहीं हैं उनका सारा ध्यान तों बायोमेट्रिक को लागू करने में लगा हुआ है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है क्यों बीएसपी प्रबंधन को नहीं लगता है कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करने से ज्यादा जरूरी बीएसपी अस्पताल की व्यवस्था में सुधार करना है जिससे खदान में कार्यरत नियमित एवं ठेका श्रमिकों को उचित ईलाज के अभाव में जान गंवाने से बचाया जा सके। बीएसपी के उच्च अधिकारियों का कहना था कि हम दल्ली राजहरा को स्वर्ग बना देंगे मगर यहां हो उसका उल्टा रहा है कर्मचारी ईलाज के अभाव में सीधे स्वर्ग पहुंच रहे हैं मगर बीएसपी प्रबंधन उसके बाद भी बीएसपी अस्पताल में किसी तरह सुधार करतीं नजर नहीं आती है। और रही बात कर्मचारियों की आवास की बात तो अब ये पुराने आवास भी अस्पताल की तरह दम तोड रहे हैं मगर बीएसपी प्रबंधन नये आवास बनाना छोड़कर उनकी मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति कर रही है और बीएसपी प्रबंधन का सारा ध्यान सिर्फ अधिक से अधिक उत्पादन कैसे हो उसपर लगा हुआ है भले उत्पादन करने वाले कर्मचारियों की स्थिति बद् से बद्तर होती जा रही है और एक जो सबसे बड़ी समस्या कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों के अच्छी शिक्षा दिलाने की है मगर आज बीएसपी प्रबंधन एक एक करके सारे बीएसपी स्कूलों को बंद कर दी है और अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है और एक स्कूल डीएवी इस्पात सीनियर सेकेंडरी स्कूल को ठेका दिया है राजहरा में स्कूल चलाने का मगर वहां भी आयें दिन कुछ न कुछ विवाद होता रहता है मगर बीएसपी प्रबंधन द्वारा स्कूल से संबंधित समस्याओं के समाधान में किसी भी प्रकार की रूचि नहीं दिखाती हैं और एक तरफ बीएसपी प्रबंधन यह कहते भी नहीं थकती है कि हम सभी महारत्न कंपनी में काम करते हैं और कंपनी की ओर से शिक्षा, स्वस्थ्य, आवास, जैसी मूलभूत सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती है मगर आज स्थिति ऐसी है कि नियमित कर्मचारियों को भी अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ाने के लिए एक मोटी रकम फीस के रुप में चुकानी पड़ रही है जोकि बहुत ही शर्मनाक है।मगर बीएसपी प्रबंधन इन सभी समस्याओं के समाधान करने को छोड़कर अपना सारा ध्यान बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करने लगा रहीं हैं जोकि बहुत ही निराशाजनक है एक तरफ भिलाई में आयें दिन सड़कों का संधारण का कार्य होता रहता है अभी भी चल रहा है मगर दल्ली राजहरा की सड़कें जो पूरी तरह खस्ताहाल हो चुकी है जगह जगह गड्ढे हो चुकें मगर मजाल है कि बीएसपी प्रबंधन ईनको बनाने में किसी तरह की रूचि दिखये? चौराहा पड़ाव से महामाया तक की सड़क पूरी तरह खस्ताहाल हो चुकी है उसके लिए कई बार आंदोलन भी हुए मगर आज भी स्थिति जस की तस है एक तरफ भिलाई में बीना बोलें सड़कें बन जाती है और दूसरी तरफ दल्ली राजहरा है जहां मूलभूत सुविधाओं के लिए भी आंदोलन करना पड़ता है और उसके बाद भी सिर्फ आश्वासन मिलता है।और बीएसपी प्रबंधन का सारा ध्यान ईन समस्याओं के समाधान को छोड़कर बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करने में लगा है जोकि हास्यास्पद है। संघ के अध्यक्ष मुश्ताक अहमद ने आगे बताया कि बीएसपी प्रबंधन किसी भी योजना को यूनियन से बिना सहमति बनाएं लागू करतीं हैं और फिर वो योजना फेल हो जातीं हैं जिसका ताजा उदाहरण बीएसपी द्वारा लाई गई ठेका श्रमिकों के लिए ओपीडी मेडिकल सुविधा है जो आज पूरी तरह से फेल हो चुकी है आज खदान में बहुत से कार्यस्थल पर ठेका श्रमिकों ने ईस ओपीडी मेडिकल सुविधा कों लेने से मना कर दिया है और उसके कारण उत्पादन भी प्रभावित हुआ है तब ईन्हीं बीएसपी के अधिकारियों को कहना पड़ा कि आप लोगों के लिए पुराने वाली मेडिकल सुविधा ही लागू रहेगी,जो कल ओपीडी मेडिकल सुविधा को ठेका श्रमिकों के लिए क्रांतिकारी कदम बता रहे थे। आज स्थिति ठीक ईसके विपरीत है इसलिए संघ का मानना है कि कोई भी योजना को लागू करने से पहले यूनियन प्रतिनिधियों से बातचीत कर लेना चाहिए यूनियन प्रतिनिधियों को उस कमेटी में रखा जाना चाहिए जो कमेटी इन योजनाओं को बनाकर कर्मचारियों पर लागू करवाने का काम करतीं हैं।मगर बीएसपी प्रबंधन का सारा ध्यान तों बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करवाने पर लगा हुआ है और प्रबंधन द्वारा ईसे लागू करवाने के लिए ईसे सरकारी आदेश बताया जा रहा है तो संघ का प्रश्न यह है कि क्या सरकार द्वारा खदानों के लिए बनाए गए नियमों का पालन राजहरा खदान समूह में किया जा रहा है? बीएसपी प्रबंधन द्वारा तो सरकारी आदेशों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है जिसके बहुत से उदाहरण है और तो और प्रबंधन द्वारा वर्षों से लंबित वेतन समझौता तो कराया नहीं जा रहा है और दूसरी तरफ बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करने में लगीं हुई जोकि पूरी तरह औचित्यहीन है इसलिए संघ ने बैठक में प्रबंधन को स्पष्ट कर दिया है कि जबतक हमारी मूलभूत सुविधाएं बीएसपी प्रबंधन उपलब्ध नहीं कराती है और वर्षों से लंबित वेतन समझौता नहीं हो जाता है तब तक राजहरा खदान समूह में बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू न किया जावे। ईस बैठक में मुख्य रूप से भारतीय मजदूर संघ से अध्यक्ष मुश्ताक अहमद सचिव लखनलाल चौधरी, एटक से राजेन्द्र बेहरा,सिटू से प्रकाश क्षत्रिय, पुरषोत्तम सिमैया,इंटक से अभय सिंग,तिलक मानकर छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से सोमनाथ ऊईके, जनमुक्ति मोर्चा से शिवा कुमार उपस्थित थे और प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक कार्मिक खदान एस के सोनी एवं राजहरा कार्मिक विभाग के सभी अधिकारियों की उपस्थिति थी।

Ramesh Mittal

Chief Editor, navabharatnews24.com

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