आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका (डौंडी-2 ) यूनियन सीटू का आज 6 वा सम्मेलन रुति शालिनी नगर दल्ली राजहरा में संपन्न l
रमेश मित्तल नवभारत news 24 छत्तीसगढ़
दल्लीराजहरा/ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका (डौंडी-2) यूनियन सीटू का आज 6 वा सम्मेलन हिंदुस्तान स्टील एंप्लाइज यूनियन (सीटू ) रूति शालिनी नगर दल्ली राजहरा में संपन्न हुआ l इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि कामरेड गजेंद्र झा उपाध्यक्ष आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका राज्य छत्तीसगढ़ , विशेष अतिथि कामरेड संगीता महंत महासचिव राज्य छत्तीसगढ़ थे lसम्मेलन में विशेष रूप से हिंदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन (सीटू ) की ओर से कामरेड विनोद मिश्रा एवं कामरेड जे गुरुवुलू उपस्थित थे l कार्यक्रम का संचालन रंभा पवार उपाध्यक्ष आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका ने किया l
सर्वप्रथम कोरोना काल के समय दिवंगत हुए वरिष्ठ ट्रेड यूनियन एवं आंगनबाड़ी यूनियन के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दी गई l
सम्मेलन में केंद्र सरकार के द्वारा वर्तमान में जो शिक्षा नीति लाई जा रही है उसका विरोध किया गया l सम्मेलन का संचालन कर रही रंभा पवार ने बतलाया कि सरकार कि NEP 2020 नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बालवाड़ी लाया है l जिसमें कहा गया है कि 5 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों को ही पढ़ने के लिए स्कूल भेजना है l जबकि इसके विपरीत निजी स्कूलों में नर्सरी क्लास के जी -2 के नाम से 4 वर्ष में बच्चों को भर्ती ले रहे हैं l इसके लिए भी रोक नहीं लगा है क्योंकि निजी स्कूलों के मालिको के द्वारा अपने धंधा बढ़ाने के लिए अच्छा खासा मोटी रकम डोनेशन के रूप मे दे रही है , तो रोक क्यों लगाएगी ..? इस प्रकार से मोदी सरकार की शिक्षा नीति जिसमें हमें बहुत ही खतरा नजर आ रहा है l
यह हमारे लिए चिंता का विषय है ,यह नीति हमारी आंगनबाड़ी को भी समाप्त कर देगी l इसे मिलकर बचाने के लिए सोचना होगा l यह युग दौड़ने का है कोई भी अपने बच्चों का 2 वर्ष बर्बाद नहीं करना चाहता l इसलिए लोगों का रुझान निजी स्कूलों पर है l धीरे-धीरे पालकों का सरकारी स्कूलों के तरफ झुकाव बंद हो जाएगी और सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे l सरकार की इस मंशा को हमें समझकर इसका विरोध करना होगा l एकीकृत महिला एवं बाल विकास योजना आईसीडीएस के संदर्भ में मौजूदा केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया l
जिसमें कहा गया कि निरंतर 15 वर्षों से भाजपा (केंद्र सरकार ) द्वारा आंगनबाड़ी में कुछ ना कुछ परिवर्तन कर निजीकरण लाया जा रहा है l जिसमें पोषण आहार , नंद घर इत्यादि बंद किया गया है l
आईसीडीएस को मजबूर करने और सरकारी कर्मचारियों के रूप में मान्यता मिले यह प्रस्ताव रखा गया l जिसमें कहा गया है कि विगत 1984 से कार्यरत्त 30 से 35 वर्षों तक कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषण का शिकार हो रहे हैं l कार्यकर्ता एवं सहायिका को सरकारी कर्मचारी की मान्यता मिले यह प्रस्ताव सम्मेलन में रखा गया l
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को ग्रेच्युटी मिले l जिसमें कहा गया है कि 30 से 35 वर्ष से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत है l इन्हें ग्रेच्युटी का अधिकार है जिसे सरकार को देना चाहिए l यह प्रस्ताव आगामी आंदोलन के लिए प्रेषित किया गया है l
तथा चौथा प्रस्ताव रखा गया कि आईसीडीएस के लिए बजट में कटौती केंद्र सरकार के द्वारा किया गया है l जिसमें कहा गया कि केंद्र सरकार के द्वारा 300 करोड रुपए की राशि आईसीडीएस के बजट में कटौती की गई है l जिसका सभी को मिलकर विरोध करना होगा l
मुख्य अतिथि कॉमरेड गजेंद्र झा ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई शिक्षा नीति का हमारा यूनियन पूरा जोर विरोध करता है l सरकार एक तरफ बच्चों को विकास ,बेहतर शिक्षा की बात करती है l तो दूसरी ओर सोची समझी साजिश के तहत स्कूलों में उम्र का बंधन ला देता है l जिसमें कहा गया कि आप 5 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों को ही आंगनबाड़ी में प्रवेश दे सकते हैं l जबकि निजी स्कूलों में 4 वर्ष के बच्चों को प्रवेश देने के लिए कोई मनाही नहीं की गई है l जिसका नुकसान आंगनबाड़ी को होगा l लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएंगे जिससे दर्ज संख्या की कमी बताकर सरकार के द्वारा आंगनबाड़ी को बंद कर दिया जाएगा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बेरोजगार हो जाएंगे l
कामरेड संगीता महंत ने कहा कि 30 से 35 वर्ष कार्य करने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए सरकार की ओर से कोई ऐसी योजना नहीं है l जिससे उन्हें रिटायरमेंट होने के बाद पेंशन या ग्रेच्युटी मिल सके l सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मजाक कर रही है l आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सरकार सरकारी कर्मचारी ही नहीं मानती है l जबकि सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का पूरा सहयोग रहता है l हमारा यूनियन चाहता है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करते हुए उन्हें ग्रैजुएटी और पेंशन का अधिकार दिया जाए l हिंदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन सीटू के उपाध्यक्ष कामरेड विनोद मिश्रा ने कहा कि निजी स्कूलों और सरकारी स्कूल का मापदंड में जो अंतर है उसे खत्म किया जाए l सरकारी स्कूल उनका स्वयं का स्कूल है उसमें पढ़ने वाले बच्चों तथा पढ़ाने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं लाई जाए l ताकि लोग सरकारी स्कूलों के तरफ आकर्षित हो l सरकार की दमनकारी योजना का सीटू पूरा विरोध करता है तथा जब भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को सरकार का विरोध करने में आंदोलन की जरूरत हो तो पूरा सीटू कार्यकर्ता आपके साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़े रहेंगे l