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नवरात्रि के 9 दिनों में माता जी को लगने वाले भोग की विधि और महत्व – अभिषेक कृष्ण शास्त्री

रमेश मित्तल नवभारत news 24 छतीसगढ़

राजनांदगांव/  नवरात्रि के 9 दिनों में माताजी को विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं, जो उनकी पूजा और आराधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अभिषेक कृष्ण शास्त्री के अनुसार, नवरात्रि के प्रत्येक दिन माताजी को अलग-अलग प्रकार के भोग लगाने की परंपरा है, जो उनकी विशेषताओं और गुणों को दर्शाते हैं।

नवरात्रि के 9 दिनों में माताजी को लगने वाले भोग:-

1. प्रथम दिन शैलपुत्री माता को घी और शक्कर का भोग

प्रथम दिन शैलपुत्री माता को घी और शक्कर का भोग लगाया जाता है, जो उनकी शुद्धता और पवित्रता को दर्शाता है।

2. द्वितीय दिन ब्रह्मचारिणी माता को शक्कर और मिश्री का भोग

द्वितीय दिन ब्रह्मचारिणी माता को शक्कर और मिश्री का भोग लगाया जाता है, जो उनकी तपस्या और संयम को दर्शाता है।

3. तृतीय दिन चंद्रघंटा माता को दूध और दही का भोग

तृतीय दिन चंद्रघंटा माता को दूध और
दही का भोग लगाया जाता है, जो उनकी शीतलता और शांति को दर्शाता है।

4. चतुर्थ दिन कुष्मांडा माता को मालपुआ का भोग

चतुर्थ दिन कुष्मांडा माता को मालपुआ का भोग लगाया जाता है, जो उनकी सृजन शक्ति और जीवन को दर्शाता है।

5. पंचम दिन स्कंदमाता को केले का भोग

पंचम दिन स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है, जो उनकी मातृत्व और प्रेम को दर्शाता है।

6. षष्ठम दिन कात्यायनी माता को शहद का भोग

षष्ठम दिन कात्यायनी माता को शहद का भोग लगाया जाता है, जो उनकी मीठी और आकर्षक प्रकृति को दर्शाता है।

7. सप्तम दिन कालरात्रि माता को गुड़ का भोग

सप्तम दिन कालरात्रि माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है, जो उनकी शक्ति और ऊर्जा को दर्शाता है।

8. अष्टम दिन महागौरी माता को नारियल का भोग

अष्टम दिन महागौरी माता को नारियल का भोग लगाया जाता है, जो उनकी शुद्धता और पवित्रता को दर्शाता है।

9. नवम दिन सिद्धिदात्री माता को हलवे का भोग

नवम दिन सिद्धिदात्री माता को हलवे का भोग लगाया जाता है, जो उनकी सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ प्रकृति को दर्शाता है

इन भोगों को लगाने से माताजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है, और भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।

Ramesh Mittal

Chief Editor, navabharatnews24.com

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