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तीसरे दिन की कथा में बताया गया कि शिव में चढ़े हुए पुष्प एवं बेलपत्र नही होते निर्माल्य ,आज शिव पार्वती विवाह में पहुँचेगे नवनिर्वाचित नगरपालिका अध्यक्ष तोरण लाल साहू।

रमेश मित्तल नवभारत news 24 छतीसगढ़

शिव में चढ़े हुए पुस्प एवं बेलपत्र नही होते निर्माल्य

दल्लीराजहरा/ माँ झरन मैय्या मंदिर में श्री शिव महापुराण की कथा के तीसरे दिन में अभिषेक शास्त्री ने अपने मंच से कहा,अन्यत्र देवता को चढ़ाया हुआ फूल फिर से उन्हें नही चढ़ाया जा सकता पर भगवान भोले नाथ जी को बेलपत्र और पुस्प चढ़ा हो उसको भी धोकर अगर हम चढ़ाते है तो उतना ही फल हमे प्राप्त होता है, बेल पत्र के जड़ के पास जल से कोई अपने मस्तक को सींचता है उसे सभी तीर्थो में स्नान करने का फल प्राप्त होता है और महराज जी ने ये भी कहा की एक बार अगर हम किसी से रिसता तोड़ते है तो फिर वापस जुड़ तो जाता है पर उस रिश्ते में गांठ लग जाता है,जिस प्रकार एक रस्सी को तोड़ने से वह टूट तो जाता है पर वापस अगर उसे जोड़ो तो गांठ लग ही जाता है वह गांठ क्या है,वही मैं नाम रूपी अहंकार गांठ है जो भगवान से मिलने में बाध्य एवं बहुत ही ज्यादा कठिन मार्ग बना देता है जिसे पार करने के लिए हमे शिव का नाम आसरय लेना पड़ेगा नही तो हमारे अंदर कभी भी भगवान के प्रति प्रेम नही हो पाएगा।

कल की कथा में सती प्रसंग के बारे मे विस्तार से बताया कि कैसे सती को अपने आप को भस्म करना पड़ा था आज 22 फरवरी को पार्वती जन्म की कथा के साथ साथ शिव पार्वती विवाह की रस्में अदा की जावेगी शिव जी की बारात शाम 4 बजे राजबाड़ा मंच वार्ड नं 18 से निकल कर झरन मंदिर पहुँचेगी आज शिव विवाह में नवनिर्वाचित नगरपालिका अध्यक्ष तोरण लाल साहू जी का आगमन होना है।

Ramesh Mittal

Chief Editor, navabharatnews24.com

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